दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
आप सभी भक्तों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं एक बार माता लक्ष्मी का भक्त अपने घर में होने वाले झगड़ा दरिद्रता और दुख से परेशान होकर उस भक्त ने माता लक्ष्मी की घोर तपस्या की माता लक्ष्मी उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर प्रगट हुई और बोली वत्स क्या चाहिए वर मांगो भक्तों ने कहा सुख शांति और समृद्धि से मेरा भाग्य को सौभाग्य बना दो लक्ष्मी माता ने कहा पुत्र चाहे मैं कितना ही वरदान आपको दे दूं जब तक जो वस्तु तेरे पास नहीं है उसका शोक मनाने के स्थान पर जो वस्तु तेरे पास है उसका सुख प्राप्त नहीं करेगा तब तक तू सुखी नहीं रह सकता इसलिए पुत्र जो वस्तु तेरे पास है उसके साथ आनंद मंगल से रहो भक्त पुनः बोला माता मुझे शांति और समृद्धि तो प्रधान करें माता बोली नहीं वत्स यह वरदान भी मैं तुझे तब तक नहीं दे सकती जब तक शांति पाने के लिए तू कम बोलना मधुर सत्य बोलना और विवेक से काम लेना नहीं सीख लेता भक्त फिर से बोला माता समृद्धि का वरदान देने में क्या बुराई है आप तो धन की देवी है मुझे यह वरदान अवश्य दें माता बोली इसके लिए तुझे चार कर्म अवश्य अपनाने होंगे पहला सबसे मधुर व्यवहार रखना दूसरा कठोर परिश्रम कर